राजस्थान के जैसलमेर में हाल ही में जीएसटी काउंसलिंग की 55वीं बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस महत्वपूर्ण बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए, जिनका उद्देश्य देश की कर प्रणाली को अधिक प्रभावी और सरल बनाना है। आइए, इस बैठक में लिए गए प्रमुख फैसलों और उनके प्रभाव को विस्तार से समझते हैं।
जीएसटी काउंसलिंग का उद्देश्य
जीएसटी काउंसलिंग की बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर कर दरों की समीक्षा करना और उन्हें युक्तिसंगत बनाना है। इसके साथ ही, कर प्रणाली में आने वाली समस्याओं को हल करना और व्यापारिक समुदाय के साथ आम जनता के हितों को ध्यान में रखना भी इसका अहम हिस्सा है।
चावल पर जीएसटी में कटौती
इस बैठक में चावल पर जीएसटी घटाने का बड़ा फैसला लिया गया।
- फोर्टीफाइड चावल: फोर्टीफाइड राइस कर्नल, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत वितरित किए जाते हैं, पर जीएसटी दर को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
यह कदम खासतौर पर उन लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो पीडीएस से चावल खरीदते हैं। इस फैसले से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।
थेरेपी सेवाओं पर जीएसटी से छूट
थेरेपी सेवाओं को जीएसटी से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है।
- इस फैसले का उद्देश्य चिकित्सा क्षेत्र को सस्ता और सुलभ बनाना है।
- इससे मरीजों पर आर्थिक बोझ कम होगा और थेरेपी सेवाओं का उपयोग बढ़ेगा।
इसके अलावा, पैकेज्ड और लेबल वाली वस्तुओं की परिभाषा में बदलाव की सिफारिश की गई है। हालांकि, इस पर अभी अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।
बैंक दंडात्मक शुल्क पर जीएसटी खत्म
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब बैंक और वित्तीय संस्थानों द्वारा वसूले जाने वाले दंडात्मक शुल्क पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा।
- यह फैसला आम जनता और व्यापारिक संस्थानों के लिए राहत भरा है।
- इसके साथ ही, किसानों द्वारा बेची जाने वाली काली मिर्च और किशमिश पर भी टैक्स नहीं लगेगा।
इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और पुरानी कारों पर जीएसटी में बदलाव
इलेक्ट्रिक वाहनों और पुरानी कारों पर जीएसटी को लेकर भी अहम बदलाव किए गए हैं।
- नई इलेक्ट्रिक वाहन (EV): नई ईवी खरीदने पर 5% जीएसटी लागू रहेगा।
- पुरानी कार:
- यदि कोई व्यक्ति दूसरी व्यक्ति से पुरानी कार खरीदता है, तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
- लेकिन, यदि कोई कंपनी पुरानी कार खरीदती है, तो उसे मार्जिन पर 18% जीएसटी देना होगा।
इस फैसले से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि पुरानी कारों के व्यापार में पारदर्शिता आएगी।
कपड़ों पर जीएसटी की नई दरें
कपड़ों पर जीएसटी दरों में बदलाव का बड़ा फैसला लिया गया है।
- ₹1500 तक के कपड़े: 5% जीएसटी लागू होगा।
- ₹1500 से ₹10,000 तक के कपड़े: 18% जीएसटी लगेगा।
- ₹10,000 से अधिक के कपड़े: 28% जीएसटी लागू होगा।
वर्तमान में ₹1000 तक के कपड़ों पर 5% और इससे अधिक कीमत के कपड़ों पर 12% जीएसटी लगता है।
यह बदलाव महंगे कपड़ों पर ज्यादा टैक्स लगाने की दिशा में उठाया गया कदम है, जिससे सरकार को अधिक राजस्व मिलेगा।
पानी और अन्य वस्तुओं पर जीएसटी में कटौती
बैठक में पैकेज्ड पानी और अन्य वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कमी की गई है।
- पैक्ड पानी: 20 लीटर और उससे अधिक के डिब्बा बंद पानी पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
- साइकिल: ₹10,000 से कम कीमत वाली साइकिल पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
- कॉपी और स्टेशनरी: कॉपी पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव रखा गया है।
इन बदलावों का उद्देश्य आम जनता के लिए आवश्यक वस्तुओं को सस्ता बनाना है।
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए फैसले
बैठक में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कई अहम कदम उठाए गए।
- टरबाइन ईंधन: इसे जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया गया।
- सौर ऊर्जा उपकरण: सौर ऊर्जा से जुड़े उपकरणों पर टैक्स दरों को युक्तिसंगत बनाने की चर्चा की गई।
इन फैसलों का उद्देश्य हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करना है।
बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण
जीएसटी काउंसलिंग के फैसलों का उद्देश्य बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण पाना भी है।
- आवश्यक वस्तुओं जैसे चावल, पानी, और साइकिल पर टैक्स घटाकर सरकार ने आम जनता को राहत देने का प्रयास किया है।
- वहीं, लक्जरी वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाकर उच्च वर्ग से अधिक राजस्व प्राप्त करने की रणनीति अपनाई गई है।
नए फैसलों का व्यापार पर प्रभाव
जीएसटी काउंसलिंग के फैसलों का व्यापार पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा।
- लघु और मध्यम उद्योग: छोटे उद्योगों को पैकेज्ड वस्तुओं और साइकिल जैसे उत्पादों पर टैक्स में कटौती से लाभ होगा।
- महंगे उत्पादों के निर्माता: महंगे कपड़ों और पुरानी कारों पर टैक्स बढ़ने से इन क्षेत्रों में व्यापार धीमा हो सकता है।
जीएसटी काउंसलिंग के फैसलों का व्यापक प्रभाव
55वीं बैठक में लिए गए फैसले न केवल आम जनता के जीवन को प्रभावित करेंगे, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।
- सरकार को अधिक राजस्व: लक्जरी वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स बढ़ाने से सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा।
- आम जनता को राहत: आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स घटाने से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी।
जीएसटी काउंसलिंग की 55वीं बैठक में लिए गए फैसले आम जनता, व्यापारिक समुदाय, और सरकार के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करते हैं। जहां एक ओर आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स में कटौती से जनता को राहत मिलेगी, वहीं लक्जरी उत्पादों पर बढ़ा टैक्स सरकार के राजस्व में इजाफा करेगा।
यह बैठक देश की कर प्रणाली को सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि दरों में युक्तिकरण और नई सिफारिशों पर आगे और चर्चा की जाएगी। इन बदलावों से भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।