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Personal Loan पर RBI का सख्त रवैया, नियमों में कर दिया ये बदलाव, लोन लेने पहले जान लें

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आज के समय में पर्सनल लोन एक बेहद लोकप्रिय वित्तीय साधन बन चुका है। इसे आसानी से और बिना किसी संपत्ति को गिरवी रखे प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन हाल के दिनों में पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसके नियमों में सख्ती की है। इन नए नियमों का उद्देश्य वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना और बैंकों एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFCs) को जोखिम से बचाना है।

पर्सनल लोन क्यों है खास?

पर्सनल लोन अन्य लोन की तुलना में अधिक लोकप्रिय है क्योंकि:

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  1. जल्दी उपलब्धता: इसे जल्दी मंजूरी मिलती है और कम समय में धनराशि मिल जाती है।
  2. कोई संपत्ति की जरूरत नहीं: इसमें संपत्ति गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती।
  3. फाइनेंशियल संकट का हल: यह आपातकालीन आर्थिक जरूरतों को पूरा करने का एक आसान तरीका है।

हालांकि, इसकी प्रमुख चुनौती समय पर भुगतान करना है। डिफॉल्ट होने पर यह ग्राहकों के क्रेडिट स्कोर और वित्तीय स्थिति को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।

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RBI ने क्या बदलाव किए?

भारतीय रिजर्व बैंक ने पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन के लिए पूंजी आरक्षित रखने के नियमों को सख्त कर दिया है।

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1. पूंजी आरक्षित रखने की दर बढ़ी

पहले जहां बैंकों और NBFCs को 100% पूंजी आरक्षित रखनी होती थी, अब इसे बढ़ाकर 125% कर दिया गया है।

  • उदाहरण: यदि कोई बैंक ₹5 लाख का पर्सनल लोन देता है, तो उसे अब ₹6.25 लाख की पूंजी आरक्षित रखनी होगी।

2. अनसिक्योर्ड लोन पर अधिक सतर्कता

बैंकों और NBFCs को अब अनसिक्योर्ड लोन (जैसे पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड) देने में ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।

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नए नियम क्यों जरूरी हैं?

पिछले कुछ सालों में पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के उपयोग में काफी बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही कुछ चुनौतियां भी सामने आई हैं:

  1. लोन ग्रोथ में असामान्य वृद्धि:
    पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन की मांग तेजी से बढ़ी है।
  2. डिफॉल्ट मामलों में बढ़ोतरी:
    समय पर EMI का भुगतान न करने वाले ग्राहकों की संख्या में वृद्धि हुई है।
  3. जोखिम प्रबंधन:
    बैंकों और NBFCs के लिए अनसिक्योर्ड लोन के जोखिम बढ़ गए हैं।

इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, RBI ने यह कदम उठाया है ताकि देश की वित्तीय प्रणाली को सुरक्षित और स्थिर बनाया जा सके।

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ग्राहकों पर प्रभाव

RBI के इन नए नियमों का सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा।

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1. लोन लेना होगा कठिन

बैंकों को ज्यादा पूंजी आरक्षित करनी होगी, जिससे पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन लेना पहले की तुलना में मुश्किल हो सकता है।

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2. ब्याज दरों में वृद्धि

बैंकों की लागत बढ़ने से लोन पर ब्याज दरें भी बढ़ सकती हैं।

3. सख्त योग्यता मानदंड

लोन के लिए क्रेडिट स्कोर और आय जैसे मानदंड पहले से ज्यादा सख्त हो सकते हैं।

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सिक्योर्ड लोन पर क्या असर होगा?

ये नए नियम केवल अनसिक्योर्ड लोन (पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड) पर लागू होंगे।

  • सिक्योर्ड लोन (जैसे होम लोन, कार लोन, गोल्ड लोन) पर इनका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
  • सिक्योर्ड लोन में बैंकों के पास गिरवी रखी संपत्ति होती है, जो जोखिम को कम करती है।

ग्राहकों के लिए सुझाव

अगर आप पर्सनल लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:

  1. अपनी वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करें:
    लोन अप्लाई करने से पहले अपनी आय, खर्च, और क्रेडिट स्कोर की जांच करें।
  2. समय पर भुगतान करें:
    EMI का समय पर भुगतान करें ताकि डिफॉल्ट से बचा जा सके।
  3. सिक्योर्ड विकल्पों पर विचार करें:
    अगर संभव हो, तो पर्सनल लोन के बजाय सिक्योर्ड लोन (जैसे गोल्ड लोन) का विकल्प चुनें।
  4. ब्याज दरों की तुलना करें:
    लोन लेने से पहले विभिन्न बैंकों और NBFCs की ब्याज दरों की तुलना करें।

बैंकों और NBFCs के लिए लाभ

नए नियमों से बैंकों और NBFCs को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा:

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  • अनसिक्योर्ड लोन के जोखिम में कमी।
  • वित्तीय स्थिरता में सुधार।
  • डिफॉल्ट मामलों से निपटने में आसानी।

नए नियमों का उद्देश्य

RBI द्वारा किए गए ये बदलाव न केवल बैंकों और NBFCs के लिए बल्कि ग्राहकों के लिए भी फायदेमंद साबित होंगे। इनका मुख्य उद्देश्य:

  1. वित्तीय प्रणाली को सुरक्षित और स्थिर बनाना।
  2. बैंकों और NBFCs को जोखिम से बचाना।
  3. ग्राहकों को जिम्मेदारी से लोन लेने के लिए प्रोत्साहित करना।

RBI द्वारा पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन पर लागू किए गए नए नियम एक महत्वपूर्ण कदम हैं। यह न केवल बैंकों और NBFCs के लिए फायदेमंद है, बल्कि ग्राहकों को भी अपने वित्तीय निर्णय सोच-समझकर लेने की दिशा में प्रेरित करता है।

यदि आप पर्सनल लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो अपनी वित्तीय स्थिति का सही मूल्यांकन करें और समय पर भुगतान सुनिश्चित करें। यह न केवल आपके क्रेडिट स्कोर को मजबूत बनाएगा बल्कि आपको वित्तीय संकट से बचाने में भी मदद करेगा।

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इन नियमों से देश की वित्तीय प्रणाली मजबूत होगी, जिससे दीर्घकालिक रूप से सभी को लाभ होगा।

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