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होम लोन को लेकर RBI ने बनाए नए नियम, सभी बैंकों को जारी की गाइडलाइन RBI Rule For Loan

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RBI Rule For Loan: हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका खुद का एक घर हो। चाहे वह नौकरीपेशा व्यक्ति हो या व्यापारी, सभी अपने परिवार के लिए एक अच्छे मकान की चाह रखते हैं। मकान खरीदने या बनाने के लिए जब पैसे की कमी होती है, तो बैंक से होम लोन लेना आम बात हो जाती है। लेकिन अक्सर देखा गया है कि बैंक और वित्तीय संस्थाएं ग्राहकों से अतिरिक्त ब्याज वसूलने के खेल में लग जाती हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी करता रहता है। हाल ही में RBI ने होम लोन से जुड़ी नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनसे करोड़ों ग्राहकों को राहत मिलेगी। ये गाइडलाइंस न केवल ग्राहकों को आर्थिक नुकसान से बचाएंगी, बल्कि बैंकों की मनमानी पर भी लगाम लगाएंगी। आइए विस्तार से समझते हैं कि RBI की नई गाइडलाइंस क्या हैं और इसका क्या असर होगा।

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होम लोन में बैंक की मनमानी का खुलासा

भारतीय रिजर्व बैंक ने सालाना निरीक्षण के दौरान पाया कि कई बैंक और लोन देने वाली कंपनियां ग्राहकों से गलत तरीकों से ब्याज वसूल रही हैं। इन बैंकों का खेल यह था कि वे लोन पास करने की तारीख से ही ब्याज की गणना शुरू कर देते थे, जबकि ग्राहकों को लोन की राशि मिलने में कई दिनों का समय लग जाता था।

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उदाहरण के तौर पर, यदि किसी ग्राहक का लोन 1 तारीख को मंजूर हुआ लेकिन पैसे 5 तारीख को खाते में पहुंचे, तब भी बैंक 1 तारीख से ब्याज वसूल रहे थे। इस खेल से ग्राहकों को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा था।

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नई गाइडलाइंस: कब से लिया जाएगा ब्याज?

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस मनमानी पर सख्त रोक लगाते हुए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस के अनुसार:

  1. ब्याज की शुरुआत: अब बैंक या लोन देने वाली कंपनी केवल उस दिन से ब्याज वसूल सकती है, जिस दिन लोन की राशि ग्राहक के खाते में ट्रांसफर की गई हो।
  2. चेक के मामलों में राहत: यदि लोन चेक के माध्यम से दिया जाता है, तो बैंक को चेक की तारीख से नहीं, बल्कि ग्राहक के चेक भुनाने की तारीख से ब्याज वसूलने की अनुमति होगी।
  3. ऑनलाइन ट्रांसफर की सुविधा: RBI ने बैंकों को सलाह दी है कि वे चेक के बजाय ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से लोन की राशि ग्राहकों को दें ताकि किसी प्रकार की देरी न हो।

बैंकों की देरी से ग्राहक को हो रहा था नुकसान

निरीक्षण के दौरान RBI को कई ऐसे मामले मिले, जहां ग्राहकों को लोन की राशि मिलने में देरी हुई, लेकिन ब्याज लोन मंजूर होने की तारीख से ही वसूला गया।

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उदाहरण के लिए:

  • अगर किसी ग्राहक को 10 लाख रुपये का लोन मंजूर किया गया और बैंक ने चेक जारी कर दिया। लेकिन ग्राहक को चेक 4-5 दिन बाद मिला और उसने उसे बैंक में जमा किया। ऐसे में बैंक चेक जारी होने की तारीख से ब्याज वसूल रहे थे, जबकि ग्राहक को लोन का फायदा बाद में मिला।

नई गाइडलाइंस के बाद अब यह समस्या खत्म हो जाएगी और ग्राहक को वास्तविक लोन मिलने की तारीख से ही ब्याज चुकाना होगा।

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प्रोसेसिंग फीस पर बैंकों की नज़र

बैंक होम लोन के लिए ग्राहकों से प्रोसेसिंग फीस के नाम पर भी पैसा वसूलते हैं। यह फीस लोन की राशि के आधार पर तय की जाती है। विभिन्न बैंकों की प्रोसेसिंग फीस कुछ इस प्रकार है:

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  1. भारतीय स्टेट बैंक (SBI):
    • प्रोसेसिंग फीस: लोन की राशि का 0.35 प्रतिशत + GST।
    • न्यूनतम शुल्क: 2000 रुपये + GST।
    • अधिकतम शुल्क: 10000 रुपये + GST।
  2. एचडीएफसी बैंक (HDFC):
    • प्रोसेसिंग फीस: लोन की राशि का 1 प्रतिशत
    • न्यूनतम शुल्क: 7500 रुपये।
  3. आईसीआईसीआई बैंक (ICICI):
    • प्रोसेसिंग फीस: लोन की राशि का 0.50 प्रतिशत से 2 प्रतिशत
    • न्यूनतम शुल्क: 3000 रुपये।
  4. पंजाब नेशनल बैंक (PNB):
    • प्रोसेसिंग फीस: लोन की राशि का 1 प्रतिशत + GST।

ग्राहकों के लिए राहत: क्या होंगे फायदे?

RBI की नई गाइडलाइंस से ग्राहकों को कई प्रकार के फायदे होंगे:

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  1. अतिरिक्त ब्याज से राहत: अब ग्राहक को केवल उसी दिन से ब्याज देना होगा, जिस दिन लोन की राशि उसके खाते में पहुंची है।
  2. बैंकों की मनमानी पर रोक: बैंकों और वित्तीय कंपनियों की मनमानी पर सख्ती से लगाम लगेगी।
  3. पैसे की बचत: पहले ब्याज की गलत गणना के कारण ग्राहकों को अधिक पैसा देना पड़ता था। अब इस समस्या का समाधान हो गया है।
  4. ऑनलाइन ट्रांसफर की सुविधा: लोन की राशि चेक के बजाय सीधे ग्राहक के खाते में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे समय की बचत होगी।

RBI का उद्देश्य: ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा

भारतीय रिजर्व बैंक का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करना और वित्तीय क्षेत्र में पारदर्शिता लाना है। समय-समय पर RBI ऐसी गाइडलाइंस जारी करता है, जिससे ग्राहकों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।

होम लोन से जुड़ी नई गाइडलाइंस ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत हैं। इससे बैंकों की मनमानी खत्म होगी और ग्राहकों का विश्वास भी बढ़ेगा।

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भारतीय रिजर्व बैंक की यह नई गाइडलाइंस होम लोन लेने वाले करोड़ों ग्राहकों के लिए राहत लेकर आई है। अब ग्राहकों को ब्याज केवल उसी दिन से देना होगा, जब उन्हें लोन की राशि वास्तविक रूप से प्राप्त होगी। इसके अलावा, ऑनलाइन ट्रांसफर की सुविधा से लोन प्रक्रिया और तेज और पारदर्शी बनेगी।

RBI का यह कदम बैंकों की मनमानी पर लगाम लगाने के साथ-साथ ग्राहकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा। अगर आप भी होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो इन नई गाइडलाइंस का लाभ उठाएं और अपने सपनों के घर को हकीकत में बदलें।

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